खूबसूरत लड़कियां
नहीं मिलती आसानी से
होती हैं कई प्रतियोगिताएं
मिस सिटी से मिस यूनिवर्स तक
अब मिसेज भी होने लगी
इसके बावजूद नहीं मिलती
उनके चेहरे पर लिपे होते हैं
प्रायोजकों के लेप
हर अंग पर लिपटी होती है
आयोजकों की चिंदियां
फिर भी नहीं होती वे खूबसूरत
उनके चेहरे पर चमकता है बाजार
अंतत: खारिज हो जाती हैं अगले साल
खूबसूरत लड़कियां नहीं मिलती प्रतियोगिताओं से
खूबसूरत लड़कियां जूझती हैं जीवन से
उनके चेहरे पर चमकती हैं पसीने की बूंदे
उनके दिल में होती हैं निश्च्छलता
नहीं जानती वे बाजार भाव
वे बिकाऊ नहीं होती
Friday, November 16, 2007
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2 comments:
kya baat hai !
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